तंग बुर्खो पर दारुल उलूम देवबंद का फतवा!!

फतवे

 देवबंद दारुल उलूम से एक और फतवा जारी हुआ, 'मुस्लिम महिलाएं तंग और चमक-दमक वाले बुर्के न पहनें!!

मुस्लिम मददगाह की रिपोर्ट देवबंद दारुल उलूम से.........

,  दारुल उलूम देवबंद के फतवा विभाग ‘दारुल इफ्ता’ ने किया  फतवा जारी...
 दारुल उलूम देवबंद ने फतवा जारी करते हुए महिलाओं के ‘तंग’ बुर्के पहनने को इस्लाम में नाजायज करार दिया है और महिलाओं को इस तरह के बुर्के में बाहर न निकलने के लिए कहा गया है। दारुल उलूम के फतवा विभाग ‘दारुल इफ्ता’ द्वारा जारी फतवे में कहा है कि मुस्लिम महिलाओं को अंगों को जाहिर करने वाले डिजाइनर बुर्के पहनना सख्त गुनाह है, क्योंकि इससे वे बुरी नजर का शिकार होती हैं। फतवा विभाग ने इस तरह के बुर्के पहनकर निकलने को भी इस्लाम में गुनाह बताया है जिनमें चमक-दमक के सितारे लगे हों और आम आदमी की निगाह उन पर पड़े।

फतवे में कहा गया है कि हिजाब के नाम पर डिजाइनर और स्लिम फिट बुरका पहनना हराम है और इस्लाम में इसकी सख्त मनाही है। बुरका ढकने के लिए है, ना कि उसे जाहिर करने के लिए। फतवे में कहा गया है कि इस तरह के लिबास फसाद की जड़ होते हैं। इस तरह के कपड़े पहनने वाले भी गुनहगार हैं और देखने वाले भी गुनहगार। रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसी व्यक्ति ने लिखित में सवाल किया था कि क्या मुस्लिम महिलाओं को चुस्त कपड़े और चुस्त बुर्खा  पहनना चाहिए। इसके जवाब में फतवा विभाग ने कहा कि पैगंबर ने फरमाया है कि औरतें जब बाहर निकलती हैं तो शैतान उन्हें घूरता है, इसलिए बिना जरूरत के औरत को घर से नहीं निकलना चाहिए।


 






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