उफ़ ये मोहब्बत........

मोहब्बत

मुहब्बत
मुहब्बत के मुंआमले में हम सब बराबरी के साथ बेवकूफ हैं !!
 मुहब्बत की चंद घड़ियां बेमुहब्बत के साँठ बरस से बेहतर है !!
 ऐ बुलबुल! मुहब्बत करना सीख परवाने से कि उसकी जान गई मगर आवाज़ तक ना आई!!
 मुहब्बत और खांसी को छुपाया नहीं जा सकता !

बच्चे से थोड़ी सी मुहब्बत का इज़हार करें तो जवाब में आपको बेतहाशा मुहब्बत मिलेगी!!
 अगर दुनिया में कोई जबरदस्त कशिश हैं तो वह सिर्फ सिर्फ अनम मुहब्बत हैं!!

 

मुहब्बत एक ऐसा हथियार हैं जिसके आगे हर दीवार टुकड़े टुकड़े हो जाती हैं!!
जब किसी से मुहब्बत की जाती हैं तो उसकी तमाम ग़लतियों को क़बूल कर लिया जाता हैं!!
मुहब्बत इन्सान की आख़िरी पनाहगाह हैं। अगर उसकी छत गिर जाए तो इन्सान बिल्कुल तबाह हो जाता हैं!!
जो शख्स दिल से मुहब्बत करता है वह बगावत नहीं करता!!
मुहब्बत रौशनी का एक ऐसा लफ़्ज़ है जिसको रौशनी के हाथ ने रौशनी पर लिखा है!!
मुहब्बत का फूल वहां खिलता है जहां आंसू का पानी हो!! 
मुहब्बत करने वालों का दिल बहुत नाजुक होता है उनके दिलों से खेलना मुहब्बत का क़त्ल है और ऐसे क़त्ल को खुदा कभी मुआफ़ नहीं करता!!

 

दुआओ का तलबगार अनम इब्राहिम 






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