मुस्लिम बस्तियां


आगरा

11 साल के शहंशाह को मिला था राष्ट्रपति अवार्ड, लेकिन आज जूता सिलकर करता है गुज़ारा!!!!
आगरा

11 साल के शहंशाह को मिला था राष्ट्रपति अवार्ड, लेकिन आज जूता सिलकर करता है गुज़ारा!!!!

 

मुस्लिम मददगाह की ख़बर मोहब्बत की नगरी आगरा से.......... सिस्टम बना बेवफा सनम और धोके की  शिकार हुई एक क़ाबिल  ज़िंदगी

आगरा के मुक़ामी निवासी शहंशाह को उनकी बहादुरी के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार हासिल हुआ था शहंशाह जैसा नौजवान भी सिस्टम की बेवफ़ाई का शिकार हो गया जिसकी वजह से एक क़ाबिल को मजदूर बन के गुज़ारा करना पड़ रहा है। यमुना के बहाव में दो डूबती ज़िन्दगी को अपनी जान पर खेल के बचाने वाला शहंशाह आज दूसरों के गन्दे जुते सिलकर अपने परिवार का पेट भरने पर मजबूर हैं। 2009 में शहंशाह को उस वक्त की मौज़ूदा राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने पुरस्कार से पुरस्कृत किया था और दिल्ली से लेकर आगरा तक शहंशाह की बहादुरी को सलाम किया जा रहा था। लेकिन झुटे आश्वासन की बुनियाद पर किये गये वादों से शहंशाह के सपने तितरबितर बिखर गये। फीस न होने की वजह से उनकी शिक्षा छुट गई और आगरा का शहंशाह एक मजदुर बन गया। शहंशाह का कहना है कि मेडल तो मिला लेकिन इज्जत नहीं मिली। यह मेडल मेरे लिए किसी कौड़ी की तरह ही है। क्योंकि जो जिंदगी पहले जी रहा था आज भी वही है। अब तो पढाई भी छुट चुकी है। घर का खर्च चलाने के लिए जूते के एक फैक्टरी में मजदूरी कर रहा हूँ।

उधर शहंशाह के पिता का कहना है कि आठ-नौ वर्षों से अधिकारियों के चक्कर लगाते लगाते वो थक गये हैं। कुछ भी नहीं हुआ।बेटे की शिक्षा भी छुट गई। नौकरी भी नहीं मिली। उनहोंने बताया कि इसके लिए डीएम से भी मिले लेकिन कहीं कुछ नहीं हुआ। बता दें कि 10 साल पहले यमुना के तेज बहाव में महज ग्यारह वर्ष की उम्र में अपनी जान पर खेल कर शहंशाह ने दो नौजवानों की जिंदगी बचाई थी। उस वक्त शहंशाह की बहादुरी के बाद जिला प्रशासन लगातार उनके भविष्य को सँवारने का वादा करता रहा था । लेकिन सरकारी सिस्टम की मार शहंशाह पर ऐसी पड़ी कि परिवार ही टूट गया। अब हालत यह है कि छोटे छोटे दो तिन शेड में शहंशाह का परिवार गुजर बशर कर रहा है।

 

 

साला सिस्टम भी बेवफ़ा सनम की तरह है जो ज़िन्दगी सवारने व ता उम्र साथ देने का वादा तो करता है लेकिन बीच सफ़र में ही साथ छोड़कर चले जाता है किसी मज़बूर को ख़्वाब दिखाकर उसे तन्हा छोड़ देना जुल्म की इंतेहा नही तो और क्या है

 

 






Comments

prince2018-02-02 12:53:14

dhoke ke sivaa kuch nahi de skte gareebo ko



( अगली ख़बर ).