السلام علیکم

मदरसे मज़हब-ए-ईस्लाम के वो कारख़ाने है जिस में अल्लाह के हुक्म और नबी (सल्ल)के तरीकों का इल्म क़ुरआन और हदीस की रौशनी में तलबाओं के दिलो में उतरता है। तमाम मदरसों को अल्लाह आप जैसे ईमान वालो की मदद व नुसरत से ही चलाता है। जरूरतमंद मदरसे मदद लेने के लिए और जरूरतमंद मदरसो की मदद करने के लिए राफ़ता क़ायम करे!!!

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भोपाल


कुल आबादी:उनतीस लाख &मुस्लिम आबादी: छः लाख बयालिस हज़ार छः सो चालीस

मसाजिद कमेटी के सामने से हुआ मुस्लिम मददगाह का क़ीमती बोर्ड़ चोरी!!!!
भोपाल

मसाजिद कमेटी के सामने से हुआ मुस्लिम मददगाह का क़ीमती बोर्ड़ चोरी!!!!

मूस्लिम मददगाह

मुस्लिम मज़हब की आड़ में काला-जाला करने वाले साधुओ के रूप में छुपे डाकूओं के दिलो में ख़ुलासे का बैठा ख़ौफ़!!!

【-अनम इब्राहिम-】

मुस्लिम मददगाह में रोज़ दर्ज़ हो रही थी मसाजिद कमेटी,औकाफ-ए-अम्मा वक़्फबोर्ड व दीगर मुस्लिम इदारों की शिकायतें !!!! वक़्फबोर्ड के दफ़्तर के सामने से मुस्लिम मददगाह का क़ीमती बोर्ड चोरी होने का मामला पहुँचा पुलिस के पालने में!!!

मध्यप्रदेश: प्रदेश भर के लिए भोपाल से संचालित मुस्लिम समुदाय के शासकीय मान्यता प्राप्त दफ़्तरों का बज़ार दुनिया की मशहूर इबादतगाह ताजुल मसाजिद की पनाह मे बस्ता चला आया है। आज भी मुस्लिम क़ौम के ज़्यादातर जरूरतमंद नुमाइंदे मज़हबी खेमो से मशवरा लेकर मज़हबी रौशनी में ज़िन्दगी के फ़ैसले लेना चाहते है जिसके चलते हज़ारों घरेलू लड़ाई झगड़े मस्जिद मदरसों और जियारतगाहो के अलावा निजी मामले भी इन दफ़्तरों में आते है जहां क़ौम की रहबरी करने की जगह कुछ लोग दाढ़ी टोपी की आड़ में अपना धंदा चला रहे है। पिछले कुछ महीनों से जरूरतमंद आम मुस्लिमो की मदद करने वाली संस्था मुस्लिम मददगाह का बोर्ड औकाफ-ए-अम्मा के दफ़्तर के बाहर लगा हुआ था जिसे देख कर पीड़ित मुस्लिम हर रोज लगातार मुस्लिम इदारों में चल रहे काले जाले की शिकायतें कर रहे थे। जिसकी वजह से मज़हबी दलालों के दिल ख़ौफ़ ज़दा हो उठे थे। पोलपट्टी खुलने का ख़ौफ़ साधुओ के चोले में छुपे डाकुओ को इतना सताने लगा कि रातम रात मुस्लिम मददगाह का क़ीमती बोर्ड ही चोर लिए। बहरहाल बोर्ड चोरी होने की शिकायत मुस्लिम मददगाह ने पुलिस में तो कर दी है, अब देखना ये है कि किस्सा चेहरा चोर की शक्ल में सामने आता है।। जमात-ए-तबलीग़ के नाम को बदनाम करता बेहयाई का मेला जो ताजुल मसाजिद के दामन को दाग़दार कर रहा था हाल ही में मुस्लिम मददगाह की शिकायत पर बन्द हो गया ! बहुत जल्द पढ़िए मुस्लिम मददगाह मुस्लिम इदारों की हक़ीक़त!! शहर-ए-क़ाज़ी सहाब की आड़ में किस बना रखा धार्मिक मरकज़ को दलाली का दफ़्तर? शहर में आलिम, हाफ़िज़ और बड़े बड़े मुफ्तियों के होने के बाद भी क़ौम का ठेका किस पाखंडी के हाथ में??






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