السلام علیکم

मुस्लिम मददगाह में मौज़ूद ख़िदमतगारो के ख़ैमे में अपने NGO संस्थान संगठन समितियों व सियासी ओहदों को शामिल करने के लिए मुफ़्त मेम्बरशिप हासिल कर के मुल्क़ व क़ौम के लिए राहत के रहबर बने!!

अपने संस्थान को ख़िदमतगारो के ख़ेमे में जोड़ने के लिए क्लिक करे!!


ख़िदमतगारो के ख़ेमे में मौज़ूद तंजीमो से मदद लेने के लिए यहां क्लिक करे!

भोपाल


कुल आबादी:उनतीस लाख &मुस्लिम आबादी: छः लाख बयालिस हज़ार छः सो चालीस

तंग हालातो और शरीयत पर गरमा रही सियासत की बातों के बीच होगा आज जलसा!!
भोपाल

तंग हालातो और शरीयत पर गरमा रही सियासत की बातों के बीच होगा आज जलसा!!

इजलास-ए-आम नाम में होने वाला जलसा जो आज मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शहर के बीचों बीच स्थित इकबाल मैदान में करवाया जा रहा है। जलसे के बारे में जो इत्तेला हासिल हुई है उसका मकसद कौम की बेहतरी और बिगड़े हालातों से बचने के लिए गौर फरमाना रहेगा। मुल्क में शरीयत पर सियासत का दौर आन पड़ा है और हर एक राजनेता या कोई भी पार्टी से जुड़ा हुआ व्यक्ति शरीयत पर टिप्पणी करना नहीं भूलता है। मुल्क में गरमाए हुए तीन तलाक के मसले पर भी इकबाल मैदान में आज चर्चा की जाएगी। कुछ समय पहले शकील बिन हनीफ नामक व्यक्ति दुनिया भर की खबरों में चर्चा का विषय था जब उसने अपने आप को हजरत मेहंदी कहा था, आपको बता दे कि आज से तकरीबन 125 साल पहले मिर्जा गुलाम अहमद कादियानी नाम से एक शख्स ने अपने बारे में दावा किया था कि जो हदीस में बयान है की आखिरी जमाने में दुनिया में हजरत ईसा-ए-सलाम आएंगे मैं वही हूं। उस वक्त से आज तक तमाम उलेमा उस व्यक्ति को गुमराह एवं झूठा मानते आए हैं। बता दें कि कुछ साल पहले भी ऐसा झूठ दोबारा दोहराया गया है, शकील नाम से एक शख्स ने भी इसी तरह के दावे किए हैं यह शक्स अपने आपको मेहंदी और मसीहा कहता हैं और इसी तरह एक नई गुमराही और नया फितना वजूद में आया है इसी के मद्देनजर आज इकबाल मैदान में इस बात की भी चर्चा की जाएगी। इकबाल मैदान में इसी मकसद से आज जलसा का नेतृत्व करेंगे मुफ्ती अब्दुल रज्ज़ाक। जलसा ईशा की नमाज के बाद इकबाल मैदान में रात्रि 8:30 बजे से शुरू होगा। जलसे की तैयारी कर रहे लोगों ने अपने सभी मुस्लिम भाइयों से यह दरख्वास्त की है कि वह जरूर आएं और बाकी सभी मुस्लिम भाइयों को भी इस जलसे में आने का न्योता दे। अब देखना यह है कि शरीयत पर गरमाई हुई सियासत के तवे पर आज भी गरम गरम रोटियां सेंकी जाएंगी या फिर जले हुए हाथों पर मरहम की पट्टी लगा उनको सही राह दिखाई जाएगी।



Comments



( अगली ख़बर ).