السلام علیکم

भारतीय ज़ियारतगाहो में आराम फरमा रहे अल्लाह के वलियों से सभी मज़हब के लोगो की आस्था जुड़ी हुई है। हमे चाहिए कि तमाम वलियों की मज़ारो पर हो रहे फर्जीवाड़े से खबरों के ज़रिए पर्दा उठाकर दरगाहों के दामनो पर दाग़ लगने से बचाए!! अपनी मुक़ामी जियारतगाहो की जानकारी खबरों की शक़्ल में मुस्लिम मददगाह को भेजे!!

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मुम्बई


बाबा हाज़ी अली की क़ब्रगाह का वजूद समंदरी तूफ़ान न सुमामी मिटा सकी!!! वजह जानकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे!
मुम्बई

 

खुदा के सच्चे दोस्तो की ज़ियारतगाहो पर 
सवालियों का हुज़ूम अपनी मन्नतों को लेकर हाज़िरी देता है और मौला मेरा अपने सच्चे वलियों के तुफ़ैल में हर आरजुओं को भी क़बूल कर लेता है।ऐसी ही एक ज़ियारतगाह अल्लाह के दोस्त बाबा हाज़ी अली कि भी है जहां हज़ारो ख़्वाईशें मन्नते बदनसीबी की जंज़ीरों को तोड़कर कर पूरी हो जाती हैं जहां हज़ारो तबाही के तूफां चोखट पर पहुच कर दम तोड़ देते है लेकिन बाबा की बारगाह का बाल भी बाक़ी नही हो पाता!!!

मुंबई: मुंबई में हीरो हीरोइन और भीड़भाड़ के अलावा बीच समंदर में एक टापू पर मौजूद दरगाह भी दुनिया भर में मशहूर है,जिसके चारों तरफ अरब सागर की उठती हुई मौजे नज़र आती हैं,लेकिन सदियों से दरगाह अपनी जगह पर बरक़रार है लोग यहां घूमने और मन्नत माँगने जाते हैं कुछ लोगो का मानना है कि हाजी अली दरगाह चमत्कारों वाली दरगाह है। इसे न तो सुनामी हिला पाई और न ही बाढ़ का पानी कुछ बिगाड़ सका। यहां हुए हैं कई चमत्कार जो जनता के बीच मे मशहूर हैं जिनके सच्चे या झूठे होने की हम पुष्टि नही करते हैं

 पीर हाजी अली शाह बुखारी अपने समय के ऊंचे संत थे। उनकी मौत के पहले और बाद में कई चमत्कारिक घटनाएं बताई जाती है। 
 इसमें एक कहानी यह भी है कि एक बार पीर बुखारी प्रार्थना में लीन थे, तभी एक महिला बच्चे को गोद में लिए रोते हुए उनके सामने से गुजरी। उन्होंने जब महिला से रोने का कारण पूछा तो उसने बताया कि मेरे पति ने मुझे पतीला भरकर तेल लाने के लिए कहा था, लेकिन तेल रास्ते में गिर गया और यदि अब मैं तेल नहीं ले जाऊंगी तो मुझे घर से निकाल दिया जाएगा।यह बात सुनकर पीर बुखारी ने जिस जगह तेल गिरा था वहां अंगूठे से छेद किया तो तेल का फव्वारा फूट पड़ा और उस महिला का घड़ा तेल से भर गया।

समन्दर जब बागी होता है तो अपने आसपास मौज़ूद आशियानो का वजूद मिटा देता है लेकिन नहीं हिला पाई सुनामी भी ज़ियारतगाह के रेजे को भी 
 

अरब सागर में 1949 में बड़ा भूकंप आया था जिससे समुद्र में सुनामी लहरें उठीं थी। इन लहरों में कई इमारतें तबाह हो गई थी। लेकिन हाजी अली दरगाह की इमारत को कोई भी नुकसान नहीं हुआ। जब तूफ़ान शहर की ओर बढ़ा तो ऊंची लहरों पर दरगाह के चिराग तैरने लगे।


बाढ़ की बेबाक़ बढ़ोतरी का भी नहीं हुआ कुछ असर!
 
-मुंबई में 26 जुलाई 2005 को बादल फटने से पूरे शहर में बाढ़ आ गई थी। करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ था। लेकिन इस बाढ़ का असर हाजी अली दरगाह पर जरा भी नहीं हुआ।-  हाजी अली दरगाह में कूली, फिजा समेत कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है।यहां पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शोएब अख्तर, बॉलीवुड स्टार संजय दत्त, इमरान हाश्मी, तुषार कपूर समेत कई एक्टर्स अक्सर आते हैं।

यहां पर हैं पीर हाजी की कब्र

माना जाता है कि मुंबई की इस मशहूर हाजी अली दरगाह में पीर हाजी अली शाह बुख़ारी की कब्र है। पीर बुखारी एक सूफी संत थे, जो इस्लाम के प्रचार के लिए ईरान से भारत आए थे।ऐसा कहा जाता है कि जिन सूफ़ी-संतों ने अपना जीवन धर्म के प्रचार में समर्पित कर दिया और जान क़ुर्बान कर दी, वे अमर हैं।इसलिए पीर हाजी अली शाह बुख़ारी को भी अमर माना जाता है। उनकी मौत के बाद दरगाह पर कई चमत्कारिक घटनाएं देखी जाती हैं। दरगाह मुंबई के साउथ एरिया वरली के समुद्र तट से करीब 500 मीटर अंदर पानी में एक छोटे-से टापू पर स्थित है।

 
दरगाह पर क्या है विवाद?

हाजी अली दरगाह 15वीं शताब्दी की है। दरगाह ट्रस्ट ने 2012 में यहां महिलाओं की एंट्री पर पाबंदी लगाई थी।
जिसके बाद नूरजहां नियाज और जाकिया सोमन ने पिटीशन दायर कर बैन हटाने की मांग की है। दरगाह ट्रस्ट ने पाबंदी का बचाव किया। शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं को एंट्री दिलाने वाली भूमाता ब्रिगेड की तृप्ति देसाई ने इसमें प्रवेश करने की बात कही है।


दरगाह में महिलाओं की एंट्री को बताया था महापाप


 महिलाओं की एंट्री को लेकर जस्टिस वी.एम.कानडे की खंडपीठ को हाजी अली दरगाह के कमिटी मेंबर्स ने कुछ महीनो पहले एक लैटर दिया था। उसमें कहा गया था कि मुस्लिम संत के मजार के करीब महिलाओं की एंट्री महापाप है। दरगाह कमिटी ने अदालत को बताया कि उसने इस संबंध में निर्णय लेने का जो आदेश दिया था उसके तहत दरगाह के ट्रस्टियों की दोबारा मीटिंग बुलाई गई थी।
 
दोस्तो दुनिया के तमाम वलियों की इज्जत करो उनसे मोहब्बत करो उन पर दरूद भेजो उनके सदके में अल्लाह से मांगो लेकिन मज़ारो पर सर न झुकाओ  क्यों कि सर सजदा सिर व सिर्फ मैरे अल्लाह की बारगाह में उसके सामने झुकने के लिए है मेरा आक़ा मेरा ख़ालिक़ मेरा लतीफ़ मेरा रब मेरा पालनहार सब कुछ बरदास्त कर सकता है उसकी जात में किसी को शामिल करने वाले सिर्क करने वाले को बारदात नही करता इस लिए मज़ारो की जिरारत करो वहां दुआएं करो लेकिन सजदा न करो न ऐसा कोई अमल करो जो तुम है सिर्क करने वालो की क़तार में खड़ा कर दे और तुम से मैरे प्यारे अल्लाह ख़फा हो जाए। दुनिया अगर इस ख़्ताकार से ख़फा हो जाए तो कोई फ़र्क़ नही पड़ता लेकिन मेरा आक़ा मेरा अल्लाह ही मुझसे ख़फा हो गया तो में कहां जाऊंगा!!






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