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अगर आप मुल्क़-ए-हिंदुस्तान की इबादतगाहों में ईमाम मोहज्जिन है और मुक़ामी इलाक़ो में ज़ुल्म ज्यादस्ती के शिकार हुए हैं या कोई नाहक़ आप पर सितम ढाह रहा हे, तो लिख भेजिए मुस्लिम मददग़ाह को अपनी आप बीती इंशाअल्लाह मुस्लिम मददग़ाह आप को इंसाफ दिलवाने की हर चन्द क़वायद करेगा!!

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ईमाम मोहज्जिन की सेहतमंदी कि फ़िक्रमन्दी में मुब्तिला शहर-ए-क़ाज़ी भोपाल !!
भोपाल

ईमाम मोहज्जिन की सेहतमंदी कि फ़िक्रमन्दी में मुब्तिला शहर-ए-क़ाज़ी भोपाल !!

इस ख़ानाबदोश ज़िन्दगी में लोग ऊपर वाले को भी वक़्त पड़ने पर याद करते हैं जब जलवा बिखेरने का दौर चलता है तो हर क़िरदार मग़रूर घमंड में चूर अपने आप को आला सिफत आला नूर और आला शख़्सियत दरशाने में ही अपने कीमती वक़्त को गुज़ार देता है परन्तु परम्परागत ख़ानदानी बदनसीबी और बिन पेंदे के लोटे की तरह अच्छी क़िसमत आम तौर पर आम ज़िन्दगियों में करवट बदलते रहती है इस लिए हर उभरी और उभरती शख़्सियतों से दिली इल्तेज़ा गुज़ारिश दरख़्वास्त है अपने अपने स्तर पर अपने अपने मोर्चे तले जरूरतमन्दों के लिए मदद की पहल करने की सुरवात करें!

लिहाज़ा आम ज़िन्दगियों में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में इज़ाफ़े की ललक आमतौर पर तो प्रसासनिक दफ़्तर व सियासी वसूली की रक़म पर सरकारी इलाज़गाहें जगह जगह व्यवस्तित अव्यवस्ताओं के साथ चिकत्सालय की शक़्ल में मौज़ूद है परंतु प्रसासनिक इन्तेज़ामो के साथ अब शहर के धर्म गुरूओं की भी ललक सामूहिक मदद मुहैया करवाने की बन रही है जिसका अच्छा ख़ासा उधारण हाल ही में हुए शहर में मस्जिदों के ईमाम मोहज्जिन की सेहत कि फिकरों को लेकर मशवरे व मुफ़ीद इलाज़ की गरज़ से इज़तीमाई रूपरेखा तैयार करने के प्रोग्राम में देखा गया है !

 

दरअसल शहर -ए-क़ाज़ी मुश्ताक़ अली नदवी की क़यादत में सामाजिक संस्था मदद एक पहल के बैनर तले मस्जिद पीर साहब वाली पीरगेट में इमाम मोहज्जिन की सेहतमंदी कि फिकरों को लेकर एक जलसा आयोजित किया गया था जहां मेहमाने-खुसूसी काज़ी-ए-शहर सैय्यद मुश्ताक अली साहब के साथ जलसे की सदारत हज़रत पीर सिराज मियां साहब ने फ़रमाई। जलसे को ख़िताब मुफ़्ती शहर अबुल कलाम साहब ने किया और नायब शहर काज़ी बाबर हुसैन साहब ने जलसे को रौनक बक्शी। प्रोग्राम के दौरान तकरीबन 150 से ज़्यादा इमाम मोअजिन हज़रात को हेल्थ क्लब बांटे गए जिसमे इमाम मोअजिन हज़रात को इलाज में सहूलियत मुहैया करवाई जाएगी बीमार होने पर इलाज के लिए मदद मिल सकेगी। इस जलसे मे सामिल हुए मुफ़्ती-ए-शहर अबुल कलाम साहब, बी.डी.ए के पूर्व उपाध्यक्ष मोहम्मद सलीम साहब, वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन शौकत मो. खान, मदरसा बोर्ड के पूर्व चेयरमैन राशिद सा. , पूर्व सी.एस.पी सलीम खान, मौलाना याकूब सा. एवं कई लोग शामिल थे। मसाजिद कमेटी के सेक्रेटरी यासीर अराफात साहब ने इलाज के लिए ज़्यादा से ज़्यादा सहूलियत दिलाने का भरोसा दिलाया।

इस मौके पर समाजसेवी मोहम्मद ज़हीर   ने कहा कि आगे भी इसी तरह के जलसे होते रहेंगे और संस्था के कार्यो को आगे बढ़ाया जाएगा इस के साथ मोहम्मद जहीर ने खिदमत ग्रुप का भी शुक्रिया अदा करा जिसने बाहर से आये हज़रात का इकराम किया और व्यवस्था सम्भाली

 

कार्यक्रम में शामिल पूर्व csp सालिम खान ने बताया कि ग़रीब जरूरतमंद बीमारों की मदद करना एक नेक काम है मस्जिदों के इमाम मोहज्जिन की सैलरी वैसे ही बहोत कम होती है लाज़मी है कि ऐसे हालात में अगर वो बीमार पड़ जाए तो मुसिबतों से जूझना पड़ता है मुस्लिम युवाओ को चाहिए कि इस काम को और भी क़ामयाब बनाने के लिए एक ऐसा ग्रुप बनाया जाए जो माली एहतबार से दुरुस्त मददकर्ताओ की सूची बनाए जिससे की वक़्त पड़ने पर आसानी से मदद हासिल की जा सकती है।

पूर्व csp सालिम खान

 






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